सुनीता विलियम्स, एक मशहूर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जिनकी जड़ें भारत और स्लोवेनिया से जुड़ी हैं, ने 2024 और 2025 में अपने नए अंतरिक्ष मिशन से फिर सुर्खियां बटोरीं। यह उनका तीसरा अंतरिक्ष मिशन था, जिसे बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) कहा गया। शुरू में यह छोटा मिशन था, लेकिन यह 9 महीने तक चला और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर लंबा समय बिताया। आइए, उनके इस सफर और योगदान को आसान भाषा में समझें।
सुनीता का परिचय और पुराने मिशन
सुनीता का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहायो में हुआ था। वह नासा की अंतरिक्ष यात्री हैं और अमेरिकी नौसेना में भी काम कर चुकी हैं। 1998 में नासा ने उन्हें चुना। अब तक वह अंतरिक्ष में 608 दिन से ज्यादा समय बिता चुकी हैं और 9 बार अंतरिक्ष में चहलकदमी (स्पेसवॉक) कर चुकी हैं, जो किसी भी महिला के लिए सबसे ज्यादा है। इससे पहले वह 2006-2007 और 2012 में अंतरिक्ष मिशन पर जा चुकी हैं।
2024 का मिशन: बोइंग स्टारलाइनर
5 जून 2024 को सुनीता बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में गईं। उनके साथ बैरी "बच" विलमोर थे, जो मिशन के कमांडर थे। यह स्टारलाइनर का पहला ऐसा मिशन था, जिसमें लोग गए। यह मिशन नासा के लिए जरूरी था ताकि स्टारलाइनर को ISS के लिए तैयार माना जा सके। वे 6 जून को ISS पहुंचे। यह मिशन 8 दिन का होना था।
लेकिन मिशन में दिक्कतें आईं। स्टारलाइनर में गैस लीक और इंजन की समस्याएं हुईं। इनके कारण सुनीता और बैरी को वापस लाना मुश्किल हो गया। नासा ने अगस्त 2024 में फैसला किया कि स्टारलाइनर से वापसी खतरनाक होगी। इसलिए 6 सितंबर 2024 को स्टारलाइनर बिना यात्रियों के पृथ्वी पर लौटा। सुनीता और बैरी ISS पर ही रुक गए।
ISS पर लंबा समय: 2024-2025
सुनीता और बैरी का मिशन लंबा हो गया। वे ISS पर एक्सपेडिशन 71 और 72 का हिस्सा बन गए। 23 सितंबर 2024 को सुनीता ने ISS की कमान संभाली, जो उनके करियर में दूसरी बार था। इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिक प्रयोग किए, जैसे पौधे उगाना, मानव शरीर पर अंतरिक्ष के असर की जांच, और नई तकनीकों का परीक्षण। वे करीब 287 दिन तक अंतरिक्ष में रहीं।
पृथ्वी पर वापसी: 2025
नासा ने सुनीता और बैरी को स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन यान से वापस लाने का फैसला किया। यह क्रू-9 मिशन का हिस्सा था। पहले यह फरवरी 2025 में होना था, लेकिन नए यान की तैयारी के कारण यह मार्च 2025 तक टल गया। 14 मार्च 2025 को क्रू-10 मिशन ने नया चालक दल ISS पर भेजा। फिर 18 मार्च 2025 को सुनीता और बैरी पृथ्वी पर लौटे।
संस्कृति और प्रभाव
सुनीता ने ISS पर भगवद् गीता, समोसे और गणेश जी की मूर्ति ले गए, जो उनकी भारतीय जड़ों को दिखाता है। भारत में लोग उनकी इस उपलब्धि से बहुत खुश हुए। उनका यह मिशन बच्चों और वैज्ञानिकों को प्रेरणा देता है।
निष्कर्ष
2024-2025 का मिशन सुनीता के लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने इसे शानदार तरीके से पूरा किया। यह मिशन उनकी हिम्मत और अनुभव को दर्शाता है। 18 मार्च 2025 को उनकी वापसी के साथ यह सफर खत्म हुआ।
सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष मिशन 2024 और 2025 के 25 सबसे आम सवाल
- सुनीता 2024 में अंतरिक्ष कब गईं?
5 जून 2024 को।
- 2024 का मिशन क्या था?
बोइंग स्टारलाइनर का पहला मानव मिशन।
- उनके साथ कौन गया?
बैरी "बच" विलमोर।
- मिशन कितने दिन का था?
8 दिन का।
- उनकी वापसी क्यों टली?
स्टारलाइनर में गैस लीक और इंजन की दिक्कत हुई।
- स्टारलाइनर कब लौटा?
6 सितंबर 2024 को, बिना यात्रियों के।
- सुनीता इस मिशन में कितने दिन रहीं?
लगभग 287 दिन।
- ISS पर वे किन मिशनों में शामिल हुईं?
एक्सपेडिशन 71 और 72।
- उन्होंने ISS की कमान कब संभाली?
23 सितंबर 2024 को।
- उन्होंने वहां क्या किया?
प्रयोग, रखरखाव और स्टेशन की देखभाल।
- वे पृथ्वी पर कैसे लौटीं?
स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन से।
- वापसी कब हुई?
18 मार्च 2025 को।
- नासा ने स्पेसएक्स क्यों चुना?
स्टारलाइनर सुरक्षित नहीं था।
- क्रू-10 मिशन क्या था?
नया चालक दल ISS पर भेजा गया।
- उन्होंने ISS पर क्या सामान लिया?
भगवद् गीता, समोसे, गणेश मूर्ति।
- उन्होंने कितनी बार स्पेसवॉक किया?
9 बार।
- क्या इस मिशन में कोई रिकॉर्ड बना?
नहीं, लेकिन उनका अनुभव बढ़ा।
- उन्होंने कुल कितने दिन अंतरिक्ष में बिताए?
608 दिन से ज्यादा।
- स्टारलाइनर में क्या दिक्कत थी?
गैस लीक और इंजन खराबी।
- नासा ने उनकी सुरक्षा कैसे की?
ISS पर काम दिया और स्पेसएक्स से वापसी की।
- उन्होंने कौन से प्रयोग किए?
पौधे उगाने और स्वास्थ्य की जांच।
- पृथ्वी से बात कैसे हुई?
ईमेल, फोन और वीडियो कॉल से।
- क्रू-10 क्यों टला?
नए यान की तैयारी में समय लगा।
- स्टारलाइनर में उनकी भूमिका क्या थी?
पायलट।
- इस मिशन से उनकी पहचान कैसे बढ़ी?
उनकी हिम्मत और अनुभव सबको दिखा।